krishi kanoon bill kya hai | what is krishi kanoon bill

By Sonu Meena

Date:

17 views

krishi kanoon bill kya hai और इस बिल का बिरोध क्यों हो रहा है 

krishi kanoon bill kya hai दोस्तों जब से कृषि कानून बिल लागू हुआ है तब से लगातार किसान इस कानून का विरोध कर रहे हैं और कुछ किसान इसका समर्थन भी कर रहे हैं ऐसा नहीं है कि किसान इसका समर्थन नहीं कर रहे हैं कुछ किसानों को तो अभी तक इस बिल के बारे में कुछ समझ ही नहीं आ रहा है इसीलिए वाह इसके बारे में कुछ भी बोलने से बच रहे हैं लेकिन इस बिल का सबसे ज्यादा विरोध पंजाब में देखा जा रहा है

पंजाब के किसान लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं और उनको अभी तक प्रदर्शन करते ही दिख रहे है दिल्ली में उन्होंने लाल किले पर भी 26 जनवरी को अटैक किया था जिसके बाद अभी हाल ही में लाल किले को बंद कर दिया गया है और किसान इस मांग को लेकर अड़ रहे हैं कि इस बिल को वापस ले लेकिन गवर्नमेंट ने  प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि वह इस बिल को किसी भी प्रकार से वापस नहीं करेंगे

जानिए क्या है कृषि कानून बिल

क्या आप जानना चाहते हैं कि कृषि कानून बिल क्या है और किसान इसका विरोध क्यों कर रहे हैं और कुछ किसान इसका समर्थन भी क्यों कर रहे हैं और किस प्रकार से किसानों को फायदा पहुंचाती है और अगर किसानों को घटा भी हो रहा है तो इस बिल के कारण क्या घाटा हो रहा है अगर आप इन सब के बारे में विस्तार से जानना चाहते हैं तो इस आर्टिकल को शुरू से लेकर लास्ट तक जरूर पढ़ें क्योंकि हम हमारे इस आर्टिकल में आपको बताएंगे कि कृषि किसान बिल क्या है और किसान इसका विरोध क्यों कर रहे हैं

WhatsApp Channel Join Now
Telegram Group Join Now
Instagram Follow Now

1. पहला बिला

किसान बिल में पहले बिल की बात की जाए तो किसानों को अपनी फसल पूरे देश में कहीं भी  बेचने का अधिकार इस बिल में दिया गया है जिसके कारण केंद्र सरकार का कहना है कि इससे  दूसरे राज्यों के साथ ट्रांसपोर्टेशन भी बढ़ेगा और अब किसान अपनी फसल को भारत के किसी भी राज्य में जाकर बेच सकते है उसको किसी भी प्रकार का टैक्स इसके लिए नहीं देना पड़ेगा और यह सरकार का काफी अच्छा बिल है

और इस बिल का विरोध नहीं होना चाहिए क्योंकि बहुत सारे राज्य ऐसे हैं जिनमें किसानों को फसल के अच्छे दाम नहीं मिल पाते जैसे कि मान कर चलिए चावल का उत्पादन पंजाब में अच्छा होता है लेकिन उत्तर प्रदेश में चावल का उत्पादन कम होता है अगर किसान पंजाब से बेचने के लिए चावल उत्तर प्रदेश आते थे तो उन्हें अलाउड नहीं था और बाह ऐसा करते थे तो उन पर टैक्स लगता था लेकिन सरकार ने अब किसानों को आजाद कर दिया है और वह अपनी फसल को बगैर कोई टैक्स के और बगैर किसी रूकावट के किसी भी राज्य में बेच सकते हैं यह सरकार के द्वारा लाया गया सबसे अच्छा कानून है और इस कानून का किसानों को समर्थन करना चाहिए

2. दूसरा बिल 

अगर दूसरे की बात की जाए तो यह बिल भी गवर्नमेंट के द्वारा किसानों के पक्ष में लिया गया है हालांकि इस बिल को किसानों को समझने में थोड़ी परेशानी हो रही है इस बिल के द्वारा कृषक और  राष्ट्रीय फ्रेमवर्क का प्रोविजन किया गया है यह बिल  सर्वश्रेष्ठ कृषि पैदावार की बिक्री किसी बिजनेस और थोक विक्रेताओं को खुदरा विक्रेता एक्सपर्ट के द्वारा किसानों  से जोड़ने में मदद करता है

और किसान इस बिल में अपनी फसल के पहले से मूल तय करके उसे बेच सकते हैं अगर कोई किसान को ऐसा लगता है कि गेहूं के रेट गेहूं की कटाई के बाद कम होते हैं और किसी व्यापारी को ऐसा लगता है कि गेहूं की कटाई के बाद गेहूं के रेट बढ़ेंगे तो अपनी पसंद का एक निर्धारित मूल उसी वक्त तय कर सकता है और उस वक्त के तय किए हुए मूल पर अपनी फसल को निकालकर बेच सकता है इसमें किसान और व्यापारी दोनों को घाटे और फायदे होने की संभावना है क्योंकि गेहूं निकलने के टाइम अगर रेट गिरते हैं तो किसान को फायदा होता है और अगर रेट बढ़ते हैं तो व्यापारी को फायदा होता है या किसानों पर ही निर्भर करता है कि उनको यह करना है या नहीं करना है

3. तीसरा बिल 

तीसरा बिल कृषि किसान बिल के अनुसार अगर कोई भी व्यापारी जरूरतों की सामान को छोड़कर बाकी वस्तुओं का संग्रह कर सकता है और इसमें सरकार किसी भी प्रकार का हस्तक्षेप नहीं करती और जरूरी वस्तुओं में गेहूं चावल को नहीं रखा गया है उदाहरण के द्वारा समझते हैं पहले यह था की जरूरत की वस्तुओं को कोई भी व्यापारी अपने गोदाम में एकत्रित करके नहीं रख सकता अगर वह ऐसा करते हैं तो उसके ऊपर कानूनी कार्रवाई की जाती थी जिसके कारण मार्केट में जरूरी चीजों का आदान-प्रदान होता रहता था

कीमतों बढ़ती नहीं थी अगर कोई व्यापारी जरूत से ज्यादा जरूरत की चीजों का स्टॉक करता है तो मार्केट में उन चीजों की कमी पाई जाएगी और उन वस्तुओं के रेट बढ़ने लगेंगे और सरकार ने अब जरूरत की वस्तुओं को शामिल किया है उनमें से गेहूं बगैरा को हटा दिया गया है जिसके कारण किसान लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं इमरजेंसी के दौरान इस कानून में बदलाव किया जा सकता है और जरूरत की वस्तुओं में आपको चेंज देखने को मिल सकते हैं ऐसा नहीं है कि अगर अकाल की स्थिति में भी जरूरतों की वस्तुओं में बदलाव नहीं किए जा सकते किसानों को ऐसा लग रहा है कि व्यापारी एक उचित कीमत पर उनसे वस्तुएं खरीद कर बाद में उन्हें महंगे दामों पर बेचेंगे इसके कारण भी किसान लगातार इसका विरोध कर रहे हैं

krishi kanoon bill kya hai आर्टिकल से क्या जानकारी मिली 

दोस्तों हमने हमारे इस आर्टिकल में आपको बताया है कि krishi kanoon bill kya hai और किसान इसका विरोध क्यों कर रहे हैं अगर आपको लगता है कि हमारे द्वारा दी गई जानकारी बिल्कुल सही है और इससे आपको कुछ नया सीखने को मिलता है तो आप हमारे इस आर्टिकल को अपने दोस्तों के साथ शेयर करें और हमें कमेंट करके जरूर बताएं कि आपको हमारे द्वारा लिखा आर्टिकल कैसा लगा धन्यवाद

Krishi Kanoon Bill Kya Hai, Krishi Bill Ke Pramukh Mudde, Krishi Kanoon Ka Itihas, Krishi Bill 2020 Kya Tha, Krishi Kanoon Ke Labh Aur Nuksan

Related Posts

Sonu Meena

vikash is a tech expert with a deep understanding of website development and digital payment systems. He shares valuable insights on technical aspects of platforms like PhonePe, helping users navigate and optimize their online transactions.

Leave a Comment