mahila kanoon kya hai क्या आप जानते हैं कि महिला कानून क्या है और पत्नी को कानूनी अधिकार कौन-कौन से होते हैं और घरेलू हिंसा की सजा क्या है धारा 4 क्या है आईपीसी की धाराएं क्या होती हैं अगर आप इन सब के बारे में विस्तार से जानना चाहते हैं तो इस आर्टिकल को शुरू से लेकर लास्ट तक पड़े क्योंकि हम हमारे इस आर्टिकल में इन सबके बारे में विस्तार से बात करेंगे
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महिला कानून क्या है mahila kanoon kya hai
भारत एक लोकतांत्रिक देश है और भारत में महिला को देवी के समान माना गया है लेकिन भारत में ऐसे कई लोग हैं जो महिलाओं पर हिंसा करते हैं उन पर अत्याचार करते हैं लेकिन महिलाओं को समय पर न्याय नहीं मिल पाता था इस महिला कानून का मुख्य उद्देश घरेलू हिंसा को खत्म करना है और इस अधिनियम के द्वारा कोई भी घर से निकाली गई महिला को घर में वापस प्रवेश दिलाना और तलाकशुदा महिलाओं को भरण-पोषण के लिए कुछ सहयोग उसके पति के द्वारा दिलवाना और महिलाओं के हक के लिए लड़ाई लड़ना यह सब महिला कानून के अंतर्गत आता है
पत्नी के कानूनी अधिकार
पत्नी के कानूनी अधिकार की बात की जाए तो पत्नी को पति की सैलरी तक का पूरा जानने का अधिकार है शादीशुदा महिला होने के नाते वह अपने बच्चे के लिए खाने कपड़े जैसी कई सुविधाएं चीजों के लिए का अपने पति पर आश्रित रहती है और यह सब उसका कानूनी अधिकार है अगर कोई पति अपनी पत्नी पर हिंसा करता है तो उस को दहेज के लिए प्रताड़ित करता है या उसके होते हुए वह दूसरी शादी करता है तो ऐसे संबंध में वह महिला कानून की मदद ले सकती है
घरेलू हिंसा की सजा
- घरेलू हिंसा में सबसे पहले आती है भारतीय दंड संहिता 1807 की धारा 498 इस धारा के अंतर्गत अगर कोई विवाहित महिला के पति या रिश्तेदार उसके साथ बुरा व्यवहार करते हैं तो उन्हें 3 साल तक की सजा हो सकती है साथ ही आरोपियों को जुर्माना भी भुगतना पड़ेगा इसी शब्द को कुरता से भी काफी अच्छे से परिभाषित किया गया है अगर कोई महिला के रिश्तेदार या पति कोई भी उसके साथ दुर्व्यवहार करता है
- धारा 304 बी के अंतर्गत अगर किसी महिला को दहेज के लिए प्रताड़ित किया जाता है या दहेज के लिए उसकी हत्या की जाती है तो उसके पति को 7 साल की सजा आजीवन कारावास हो सकता है और यह जब लागू होती है जब महिलाओं को इस स्तर तक प्रताड़ित किया गया हो कि उनकी जान चली जाती है
- सन 2005 में भारतीय सांसद ने एक कानून को पारित किया था जिसमें महिलाओं के खिलाफ घरेलू हिंसा के खिलाफ या कानून था और इसमें कोई भी विवाहित या अविवाहित महिला के साथ मानसिक और शारीरिक रूप से शोषण किया जाता है तो वह निम्नलिखित सुविधाएं ले सकती है
धारा 4 क्या है हिंदी dhara 4 kya hai in hindi
धारा 4 या आईपीसी सेक्शन 4 के अंतर्गत वाह सभी अपराध जिन्हें अगर आप भारत में रहते करते और ऐसे अपराध आप भारत से बाहर करते हैं तो आपको धारा 4 के द्वारा आप पर कानूनी कार्रवाई की जा सकती है
राष्ट्रीय महिला आयोग क्या है
राष्ट्रीय महिला आयोग की स्थापना 31 जनवरी 1992 में की गई थी यह एक ऐसी इकाई है जिसमें महिलाओं के अधिकारों को हित में रखते हुए कानून के द्वारा उपायों को लागू किया जाता है और इस महिला आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्मा है
चर्चा में क्यों?
राष्ट्रीय महिला आयोग की लगातार सिफारिशों के बाद मंत्रालय ने सोशल मीडिया जैसे प्रगति देने वाले अभीष्ट निषेध अधिनियम 1986 में संशोधन करने का प्रस्ताव किया है इस प्रस्ताव के द्वारा महिलाओं को अश्लील तरीके से व्हाट्सएप स्काइप जैसे डिजिटल मैसेजेस को अवैध घोषित किया जाना चाहिए
mahila aayog ke adhyaksh
महिला आयोग के अध्यक्ष की बात की जाए तो 17 सितंबर 2014 को ललिता कुमार मंगल का कार्यकाल पूरा हो गया था उनके पद छोड़ने के बाद आयोग ने पिछले साल रेखा शर्मा को अध्यक्ष बनाया था और अभी भी रेखा शर्मा ही महिला आयोग की अध्यक्ष हैं
ashtriya mahila ayog ki sthapna
महिला आयोग की स्थापना की बात की जाए तो महिला आयोग अधिनियम 1990 में लाया गया था इसके बाद महिला आयोग की स्थापना 1992 में की गई थी और महिला आयोग के लिए को कानून संरक्षण की समीक्षा करना शिकायतों को सुधार की सुविधा देना और महिलाओं के नीतिगत तत्वों पर लगातार सरकार को सलाह देना
rashtriy mahila aayog mein kitne sadasya hote hain
राष्ट्रीय महिला आयोग में सदस्यों की संख्या की बात की जाए तो राष्ट्रीय महिला आयोग में सदस्यों की संख्या 5 होती है और अभी के समय में यह सभी पद खाली हैं आयोग की आखिरी सदस्य आलोक रावत थे जो 2919 अक्टूबर को रिटायर हो गए थे और इस समय आयोग में सिर्फ रेखा शर्मा है जो महिला आयोग का काम संभाल रही हैं
rashtriya mahila aayog ki pratham adhyaksh
राष्ट्रीय महिला आयोग के गठन की बात की जाए तो राष्ट्रीय महिला आयोग का गठन 31 जनवरी 1992 को किया गया था और उस समय राष्ट्रीय महिला आयोग की प्रथम अध्यक्ष श्रीमती जानकी पटनायक को बनाया गया था और महिला आयोग के दूसरे आयोग का गठन 1995 में किया गया था जिसकी अध्यक्ष श्रीमती मोहनगिरी बनाई गई थी
महिला आयोग का मुख्य काम
महिला आयोग के मुख्य कार्य की बात की जाए तो महिला आयोग का मुख्य काम देश में हो रहे महिलाओं के विरुद्ध कार्रवाई करवाना है और ऐसे कई मामले हैं जो महिला आयोग के द्वारा बगैर कोई कानूनी कार्रवाई के निपटाए गए हैं महिला आयोग के शिकायत पर किसी भी व्यक्ति पर कानूनी कार्रवाई की जा सकती है अगर वह दोषी पाया जाता है तो उसको सजा भी दी जाती है और महिला आयोग भी देश में काफी अच्छा काम कर रहा है
mahila kanoon kya hai और महिला आयोग क्या है
दोस्तों हमने हमारे इस आर्टिकल में आपको बताया है कि mahila kanoon kya hai है महिला कानून क्या होते हैं और महिला को कौन कौन से अधिकार दिए गए हैं अगर आपको हमारे द्वारा लिखा आर्टिकल अच्छा लगता है तो अपने दोस्तों के साथ शेयर करें और हमें कमेंट करके जरूर बताएं कि आपको हमारे द्वारा लिखा आर्टिकल कैसा लगा धन्यवाद
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